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Indrajeet Chattha

कार्ल मार्क्स ने धर्म के बारे में क्या कहा था?

धर्म हृदयहीन संसार का हृदय है आज के इस पूंजीवादी समाज  ने मनुष्य और मनुष्य के बीच  नग्न निजीस्वार्थ और ‘नगद पैसे-कौड़ी’ के  हृदयशून्य  व्यवहार… Read More »कार्ल मार्क्स ने धर्म के बारे में क्या कहा था?

चुनावी चंदे की लालच में गरीबों और मध्यवर्ग से नाता तोड़ चुकी है पार्टियाँ – भरत गांधी

देश के अरबपतियों के फायदे के लिए अगर दो सांसद आवाज़ उठाएं तो केंद्र सरकार कानून बना देती है, लेकिन गरीबों और मध्यवर्ग को आर्थिक… Read More »चुनावी चंदे की लालच में गरीबों और मध्यवर्ग से नाता तोड़ चुकी है पार्टियाँ – भरत गांधी

आर्थिक आजादी के बिना वोट का राजनैतिक अधिकार व्यर्थ है।

14वीं लोकसभा में एक अभूतपूर्व कार्य हुआ था। देश के अधिकांश सांसदों ने वोटरों के हित में एक असाधारण फैसला लेने के लिए मान लिया… Read More »आर्थिक आजादी के बिना वोट का राजनैतिक अधिकार व्यर्थ है।

आरक्षण सत्ता में भागीदारी का उपाय है या पैसे में भागीदारी का?

कुछ लोग बहुत पहले से यह बात कहते रहे हैं कि आरक्षण बेरोजगारी खत्म करने का उपाय नहीं है। यह तो सत्ता में भागीदारी का… Read More »आरक्षण सत्ता में भागीदारी का उपाय है या पैसे में भागीदारी का?

राजनीति सुधारने से पहले चरित्र सुधारना जरूरी – भरत गांधी

पक्षपाती व्यक्ति हमेशा राजनीति को गंदी करेगा, सुधार नहीं सकता। यदि राजनीतिक व्यक्ति अपने परिवार के प्रति पक्षपाती होगा तो बेईमान जरूर निकलेगा। यदि वह… Read More »राजनीति सुधारने से पहले चरित्र सुधारना जरूरी – भरत गांधी

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