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गठबंधन की विधि निर्मात्री- संविधान सभा
सविधान सभा का गठन
1 देश भर के उन राजनीतिक- सामाजिक कार्यकताओं की सभा को संविधान सभा कहा जाएगा-
2. संविधान बन जाने और आत्मार्पित कर लिये जाने के बाद संविधान सभा ही गठबंधन के लिये नियम बनाने वाली सर्वोच्च इकाई में रूपांतरित हो जायेगी, जिसको ‘‘सेलेक्टेड जन संसद’’ या ‘‘राष्ट्र सभा’’ या ‘‘हाउस आफ नेशन’’ कहा जाएगा।
3. सभी सामाजिक आंदोलनों, आंदोलनों के गठबंधनों, राजनीतिक दलों, दलों के गठबन्धनों के प्रमुख या स्थाई प्रतिनिधि गठबंधन की संविधान सभा के पदेन सदस्य होंगे।
4. गठबंधन अखिल भारतीय स्तर, प्रादेषिक स्तर जिला स्तर पर अपनी अपनी संविधान सभा होगी और अपने-अपने स्तर की अनुपालन समिति और अन्य अंग हांेगे।
5. अखिल भारतीय स्तर की संविधान सभा में कम से कम 51 और अधिक से अधिक उतने सदस्य होगे, पूरे देष में जितने विधान सभा क्षेत्र होंगे। सन 2023 के आधारों पर अखिल भारतीय स्तर की संविधान सभा में अधिक से अधिक राजनीति कार्यों का अनुभव रखने वाले 4123 सदस्य होंगे।
6. प्रदेश स्तर की संविधान सभा में अधिक से अधिक उतने सदस्य होगे, पूरे प्रदेष में जितनी ब्लाक होंगे।
7. अपने दिन प्रतिदिन के कार्यों को सम्पादित करने के लिए संविधान सभा के सदस्य अपने बीच से किसी व्यक्ति को अपना एक सभापति या स्पीकर निर्वाचित करेंगे।
8. स्पीकर संविधान सभा की बैठकों का स्थाई अध्यक्ष होगा। उसकी अनुपस्थिति में या उसके द्वारा अधिकृत किये जाने पर उप सभापति बैठकों की अध्यक्षता करेंगे।
9. संविधान सभा की बैठकें ऑन लाइन भी हो सकेगी और बैठकों की कार्यवाही की मंजूरी भी ऑन लाइन प्रक्रिया से भी हो सकेगी।
10. विविध जातियों व सम्प्रदायों को संविधान सभा में प्रतिनिधित्व देने के लिये नियम बनाये जायेंगे।
11. संविधान सभा अपनी बैठकों को संचालित करने के लिये व अपने कार्यों को संम्पादित करने के लिये नियम बनायेगी।
सविधान सभा के पदाधिकारी
1. स्पीकर
2. प्रथम डिप्टी स्पीकर
3. द्वितीय डिप्टी स्पीकर
2. संविधान सभा के स्पीकर यानी सभापति का चुनाव संविधान सभा के सदस्य सर्वसम्मति से या दो तिहाई बहुमत से करेंगे।
सविधान सभा के कार्य
1. देष और प्रदेशों की विधायिका को इलेक्शन की बजाय सेलेक्शन के आधार पर गठित ‘‘सेलेक्टेड संसद’’ के लाभ सुलभ कराना।
2. समाजवाद और धर्म निरपेक्षता की नीतियों पर काम करने वाले देष भर के समस्त राजनीतिक दलों को मिलाकर एक एक देशव्यापी राजनीतिक पार्टी बनाने का मार्ग प्रशस्त करना।
3. सीट आवंटन और ग्रेडिंग परिषद की सिफारिशों के आधार पर संविधान सभा के सदस्यों का मंजिलेदार /विभिन्न स्तरों के बीच कार्य विभाजन होगा।
4. संविधान सभा के सदस्य अंतिम संविधान बनने तक गठबंधन के लिए नियम बनाने का कार्य करते रहेंगे।
5. संविधान सभा की सभी बैठकों की अध्यक्षता स्पीकर अनिवार्य रूप से करेगा। उसकी अनुपस्थिति में या उसके द्वारा अधिकृत किये जाने पर संविधान सभा की बैठकों की अध्यक्षता प्रथम या द्वितीय डिप्टी स्पीकर करेगा।
6. संविधान सभा में कुछ विषयों पर साधारण बहुमत से और कुछ अन्य विषयों पर दो तिहाई बहुमत से निर्णय लिया जाना। विषयांे के वर्गीकरण का अधिकार संविधान सभा को होगा।
7. संविधान सभा गठबंधन के लिये विधियों के पारित होने संबंधी नियम बनायेगी और नियमानुसार विधियों को मंजूरी प्रदान करेगी।
8. संविधान सभा के बाहर लिया गया कोई भी फैसला विधि का दर्जा प्राप्त नहीं कर सकेगा।
संविधान सभा के सदस्यों के अधिकार-
1. ‘‘प्रत्येक घटक दल और प्रत्येक गठबंधन द्वारा प्रदत्त सभी उद्देश्यों में से यथा संभव अधिकांश उद्देश्यों को गठबंधन के साझा घोषणापत्र में शामिल किया जायेगा।’’
2. राज्य सभा और लोकसभा की तरह ही ‘‘राष्ट्र सभा’’ या ‘‘हाउस आफ नेशन’’ की तरह काम करना।
3. गठबंधन की सरकार बनने पर संसद को और सरकार को विधेयक बनाकर देना और गठबंधन के उद्देष्यों को पूरा करने के लिये कानून बनाने के लिये नीति निर्देषन करना।
संविधान सभा के सदस्यों के कर्तव्य
1. संविधान सभा की कम से कम 6 माह में एक बार बैठक होगी, जिसमें 6 माह में अनुपालन समिति द्वारा किये के कामों की समीक्षा व आगामी कार्यक्रमों के प्रस्तावों पर विचार विमर्श होगा।
2. गठबंधन की संविधान सभा के सदस्यों के कर्तव्य निम्न होंगे-
................. नोट- संविधान प्रारूप समिति को संशोधन आमंत्रित
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