प्रेस विज्ञप्ति दिनांक :

04/03/2021

वोटर्स पार्टी इंटरनेशनल के घोषणा पत्र में सभी बीपीएल और एपीएल स्त्रियों व पुरुषों को ₹3000 महीना दिलाने का संकल्प

गुवाहाटी, 4 मार्च : दूसरी पार्टियों से आगे बढ़ते हुए वोटर्स पार्टी इंटरनेशनल ने आज गुवाहाटी प्रेस क्लब में अपना घोषणा पत्र जारी करते हुए कहा है कि यह पार्टी अगर सत्ता में आती है या फिर इस पार्टी के समर्थन से असम में सरकार बनती है तो असम के उन सभी वोटरों को हर महीना ₹3000 दिलाने के लिए बाध्य करेगी, जो बीपीएल या फिर एपीएल (एबव पावर्टी लाइन ) श्रेणी में आते हों।  घोषणापत्र में स्पष्ट किया गया है कि आयकर की श्रेणी में आने वाले वोटरों को यह अधिकार नहीं मिलेगा। घोषणा पत्र में यह भी कहा गया है कि जब तक वोटरशिप कानून नहीं बनता तब तक किसान सम्मान निधि की राशि ₹500 से बढ़ाकर ₹8000 करने के लिए काम किया जाएगा। पार्टी की अखिल भारतीय प्रवक्ता श्रीमती बबीता शर्मा गोयल ने कहा कि वोटरों को उनके हक का बाकी ₹5000 प्रति माह केंद्र सरकार से दिलाने के लिए पार्टी विधानसभा से प्रस्ताव पारित करने के लिए सरकार को बाध्य करेगी। उल्लेखनीय है कि यह पार्टी लंबे समय से यह वकालत करती रही है कि देश के वोटरों को औसत आमदनी की आधी रकम उनके बैंक खाते में दिया जाना चाहिए। इसके लिए पार्टी के संस्थापकों ने 137 सांसदों से संसद में याचिका प्रस्तुत करवाया। असम के मुख्यमंत्री श्री सर्वानंद सोनोवाल ने भी यह याचिका उस समय प्रस्तुत किए थे, जब वह लोकसभा में असम गण परिषद से सांसद थे। संसद में प्रस्तुत इसी  "वोटरशिप प्रस्ताव" की नकल करके आज तमाम पार्टियां लोगों को उनके खाते में नकद रकम देने के लिए अलग अलग नाम से योजनाएं बनाने की होड़ में लगी है। गुवाहाटी प्रेस क्लब में आज संवाददाताओं को संबोधित करते हुए पार्टी की अखिल भारतीय कमेटी की प्रवक्ता और गुवाहाटी हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीमती बबिता शर्मा गोयल ने बताया कि वीपीआई के आंदोलन के कारण ही सभी पार्टियां आज लोगों को नकद देने की बात करने के लिए बाध्य हुई है। उन्होंने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि मशीनों के परिश्रम से और प्राकृतिक संसाधनों से पैदा हुआ धन वोटरों में बांटने के लिए अन्य पार्टियां तैयार नहीं है। ये पार्टियां अनेक योजनाओं के नाम से लोगों को भिक्षा देने की बात कर रही हैं लेकिन राष्ट्र की औसत आमदनी की आधी रकम सभी लोगों के बैंक खाते तक भेजने का कानून बनाने से भाग रही हैं। आज जारी घोषणा पत्र में 12वीं तक मुफ्त शिक्षा, मुफ्त बिजली के लिए आत्मनिर्भर बिजली योजना नागरिकता संशोधन कानून और तीनों कृषि कानून रद्द करने की बात कही गई है। अनुसूचित जातियों, जनजातियो, पिछडों, महिलाओं, एपीएल और बीपीएल वर्गों को जनसंख्या के अनुपात में सरकारी व निजी क्षेत्र की नौकरियों में, शिक्षण संस्थानों में, संसद में और विधानसभा में आरक्षण देने की बात भी कही गई है। ईवीएम हटाने, महंगाई और राष्ट्रीय संपत्तियों का निजी करण रोकने की बात भी घोषणा पत्र में शामिल की गई है। पार्टी ने एक खास बात यह कहा है कि सब को रोजगार की गारंटी देने के लिए  सामाजिक और राजनीतिक काम करने वालों को सरकार से वेतन दिलवाया जाएगा। असम के बाढ़ की समस्या के स्थाई समाधान और गरीबी रेखा की तरह अमीरी रेखा भी बनाने के बाद घोषणा पत्र में कही गई है। वीपीआई की प्रवक्ता नेकहा कि जब तक वोटरों को उनका जन्मजात आर्थिक और राजनीतिक अधिकार नहीं मिलते, असम के बाढ़ की समस्या का स्थाई समाधान नहीं होता और अखंड भारत बनाकर भारत की ऐतिहासिक गरिमा उसको वापस नहीं दिलाई जाती, तब तक पार्टी संघर्ष करती रहेगी। प्रेस वार्ता के मौके पर पार्टी के असम प्रदेश कमेटी के मीडिया सेल के सचिव श्री पवित्र बोरो, पूर्णिमा डेका आदि पार्टी के पदाधिकारी मौजूद थे।