30 Dec 2018
पटना। जाने माने राजनीति सुधारक, वोटर्स पार्टी इंटरनेशनल के संस्थापक और नीति निर्देशक भरत गांधी का नाम सन २०१९ शुरू होते ही नए साल में बदल जाएगा। यह घोषणा उन्होंने पटना में आयोजित पार्टी कार्यकर्ताओं के प्रादेशिक सम्मेलन में किया। उन्होंने कहा कि 50 साल की उम्र पूरी होते ही दूसरी बार नाम बदलने का संकल्प उन्होंने अपनी 24 साल की उम्र में लिया था। गांधी ने बताया कि उन्होंने इतनी कम उम्र में तय किया था कि व्यक्ति को केवल अपने परिवार, अपनी जाति, अपने धर्म या अपने देश के लिए जीने की बजाय बढ़ती उम्र के साथ अपने व्यक्तित्व का दायरा भी बढ़ाना चाहिए और एक दिन पूरी दुनिया से प्रेम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह प्रेम के दायरे की अभिव्यक्ति उसके नाम के शब्दों में दिखनी भी चाहिए।
उन्होंने कहा कि मां बाप अपने बच्चे का नाम अपने व्यक्तित्व के अनुसार रखते हैं. बच्चे का व्यक्तित्व तो 20 साल के बाद पता चलता है. जब पता चलता है तो बच्चों को अपना नामकरण खुद करना चाहिए. उन्होंने कहा कि “यथा नाम:, तथागुण:” के सिद्धांत को बदला जाना चाहिए और कहा जाना चाहिए- “यथागुण: तथा नाम:”। उन्होंने कहा कि आत्म नामकरण के संस्कार की परंपरा उन्होंने इसी सोच को आगे बढ़ाने के लिए स्वयं अपने आप से शुरू किया है। श्री भरत गांधी ने लोगों को संबोधित करते हुए बताया कि नाम बदलने की परंपरा भारत में नई नहीं है. उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति जब सन्यास लेता है तो तदनुसार उसका नाम बदल जाता है और वह पवित्र जीवन के प्रति समर्पित हो जाता है. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि संयास लेने वाले ही पवित्र जीवन के प्रति संकल्पित होते हैं. जबकि यह संकल्प हर एक व्यक्ति का होना चाहिए.
श्री गांधी ने बताया कि अपनी 24 साल की उम्र में 12 फरवरी 1994 को ही उन्होंने तय किया था की मै 25 से 50 साल की उम्र तक अपने देश से प्रेम करूंगा, उसके लिए काम करूंगा और अपने नाम के साथ ऐसे ही टाइटल- “गांधी” शब्द जोड़ कर रखूगा. उन्होंने आगे बताया कि जैसे ही 50 साल की उम्र पूरी होगी, गांधी शब्द को छोड़ देंगे और अपने नाम के लिए ऐसा शब्द चुनेगे, जिससे पूरे दुनिया से प्रेम करने और पूरी दुनिया के वर्तमान 720 करोड़ से ज्यादा इंसानों के लिए काम करने का बोध होता हो.
उन्होंने कहा कि, क्योंकि पूरी दुनिया का कोई राष्ट्रपिता नहीं है, इसलिए उसकी टाइटल अपने नाम के साथ लगाने का अवसर मौजूद नहीं है. उन्होंने कहा कि- “इसीलिए मैंने अपने संगठन के सहयोगियों, अपने परिवारजनों, अपने मित्रों और शुभचिंतकों से ऐसा नाम सुझाने की अपील किया है, जिस नाम से मुझको 50 से 75 साल की उम्र तक जाना व पहचाना जाये”. उन्होंने कहा कि 75 साल की उम्र पूरी होते ही वह अपना नाम तीसरी बार बदलेंगे. जिससे यह बोध होता हो कि ऐसा व्यक्ति दुनिया के केवल इंसानों के लिए ही नहीं, अपितु प्रत्येक जीव जंतु के लिए और धरती के पर्यावरण को जिंदा रखने के लिए काम करता है. उन्होंने कहा कि नाम के बारे में कोई भी सुझाव कोई भी व्यक्ति 30 जनवरी 2019 तक भरत गांधी के नाम से बने फेसबुक अकाउंट में दे सकता है या उनके कार्यालय के टेलीफोन नंबर 9696 123 456 व्हाट्सएप कर सकता है. श्री भरत गांधी ने बताया कि आगामी 12 फरवरी को कामरूप जनपद के रंगिया टाऊन में उनके 50 वें जन्मदिन के मौके पर मौजूद लाखों लोगों के सामने वह अपने नए नाम की घोषणा करेंगे. उन्होंने कहा कि उनका नया नाम 75 साल की उम्र तक चलेगा।