20 दिसंबर 2021
बंगाईगांव असम में राजनीति सुधारकों राजनीति सुधारकों की ट्रेनिंग के दूसरे दिन चरित्र निर्माण तथा वोटरशिप कानून के बारे में समझाया गया
राजनीतिक सुधारकों और अध्यात्म पर दर्जनों पुस्तकों के लेखक विश्वात्मा ने लोगों को प्रशिक्षित करते हुए कहा कि जिस दिन उक्त प्रश्नों का उत्तर मिलता है, उसी दिन सफलता की नींव रख दी जाती है। विश्व परिवर्तन मिशन के प्रणेता विश्वात्मा भरत गांधी ने कहा कि बिना परिश्रम के सफलता नहीं मिल सकती। लेकिन परिश्रम करके भी सफलता जरूरी नहीं कि मिल ही जाए। यह देखना होता है की प्रकृति ने अपने अंदर जो जन्मजात गुण दिया है क्या उसके फलने-फूलने की अनुमति संसार के नियम कानून और संविधान और संस्कार देते हैं या नहीं? संसार के नियम, कानून, संस्कार और परंपराएं नदी का वह पानी है जिसमें अपने को तैरना होता है। नदी का पानी जिस दिशा में बह रहा है हमें उसी दिशा में जाना हो तो कम परिश्रम से अधिक दूरी तय कर लेते हैं लेकिन नदी के धारा के विपरीत जाना हो तो ज्यादा परिश्रम से ही सफलता कम मिलती है। इसलिए आदर्श कानूनी और संवैधानिक व्यवस्था वही है जिसमें हर व्यक्ति के व्यक्तित्व विकास और उसकी योग्यता को फलने-फूलने के लिए कानून बनाए जाएं। ऐसे ही धार्मिक संस्कार बनाए जाएंं और ऐसा ही संविधान बनाया जाए। श्री विश्वात्मा ने कहा कि इसीलिए राज्य के वर्तमान ढांचे में भारी संशोधन की जरूरत है।
श्री उन्होंने कहा कि आत्म साक्षात्कार के बिना सफलता संभव नहीं है। अपने को पहचानने का काम खुद अपना है। पहचानने के बाद परिश्रम करने की जिम्मेदारी भी खुद अपने ऊपर होती है। लेकिन अगर कुछ कानून दिखाई पड़ जाए जो अपने पैरों की बेड़ियां है और अपने को आगे बढ़ने में बाधाएं तो उन कानूनों को बदलने के लिए सामूहिक प्रयत्न की जरूरत होती है। श्री विश्वात्मा भरत गांधी ने कहा कि राजनीति सुधारकों की ट्रेनिंग में व्यक्ति के आत्मिक विकास से लेकर उसके सामूहिक विकास के लिए जरूरी कानूनी और संवैधानिक व्यवस्था का प्रशिक्षण दिया जाता है। इस प्रशिक्षण शिविर में धेमाजी, लखीमपुर, विश्वनाथ, सोनितपुर, उदालगुरी, दरंग, बक्सा और कोकराझार जनपदों से वोटर्स पार्टी इंटरनेशनल के कार्यकर्ताओं ने भाग ले रहे हैं।