पार्टी के हजारों कार्यकर्ता अनिश्चितकालीन धरना देने के लिए विधानसभा पहुंचे
अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार वोटर्स पार्टी इंटरनेशनल ने आज असम विधानसभा के सामने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। यह धरना प्रदर्शन असम की बाढ़ की समस्या को राष्ट्रीय समस्या घोषित करने के लिए किया जा रहा है। वीपीआई के कार्यकर्ता प्रधानमंत्री से इस बात के लिए नाराज हैं कि उन्होंने 15 अगस्त को लाल किले से राष्ट्र के नाम संबोधन में असम की बाढ़ की समस्या का जिक्र नहीं किया। वीपीआई ने प्रधानमंत्री से यह मांग गत दिनों 26 व 27 जुलाई को आयोजित दो दिवसीय धरने में किया था। आज सुबह पार्टी के हजारों की संख्या में कार्यकर्ता विधानसभा पहुंचे। वीपीआई के बाढ़ पीड़ित कार्यकर्ताओं ने दिन भर नारेबाजी किया और कहा कि वोटर्स पार्टी इंटरनेशनल नेताओं की पार्टी नहीं है। यह वोटरों की पार्टी है, जो नेता राज हटाने और वोटर राज लाने के लिए राजनीति के अखाड़े में आई है। इसलिए यह नहीं समझा जाना चाहिए कि नेताओं की पार्टियों की तरह यह पार्टी भी केवल फोटो खिंचवाने के लिए धरना प्रदर्शन करती है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ललित पेगू ने धरना स्थल पर पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी पार्टी के मुखिया श्री विश्वात्मा भरत गांधी ने राजनीति के नाम पर ड्रामा करना नहीं सिखाया है। राहत कार्यों में लगी एजेंसी स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स, एसडीआरएफ को उन्होंने धन्यवाद दिया।
श्री पेगू ने कहा कि हम जो करते हैं उसे तन मन धन से करते हैं। धरने को संबोधित करते हुए नई दिल्ली से धरने के पर्यवेक्षक के रूप में आई पार्टी के केंद्रीय कार्यालय के प्रतिनिधि अमीना शेरवानी ने कहा की यह धरना बाढ़ की समस्या का स्थाई समाधान ढूंढने के लिए आयोजित है। उन्होंने कहा कि हर साल राहत के नाम पर खजाने की बंदरबांट करना समस्या का सही समाधान नहीं है। आर्थिक आजादी आंदोलन के प्रदेश प्रमुख तरणी बासुमतारी ने कहा की राहत के नाम पर जो पैसा सरकार खर्च करती है वह प्रति व्यक्ति मात्र ₹538 पड़ा है। प्रदेश में 5700000 से अधिक लोग प्रभावित हैं और केंद्र सरकार ने केवल ₹255 करोड़ रुपए दिए हैं राज्य सरकार ने केवल ₹56 करोड़ जारी किया है। यह ऊंट के मुंह में जीरा है। यानी न के बराबर है। पार्टी की प्रदेश कमेटी के सदस्य मोहम्मद अबू समा ने कहा की बाढ़ की समस्या का स्थाई समाधान यही है कि इसको राष्ट्रीय समस्या घोषित करके जल प्रबंधन किया जाए। कल धरने की एक संचालन समिति का गठन होगा। प्रदर्शनकारियों ने कहा है कि सरकार के किसी संतोषजनक उत्तर मिलने तक धरना जारी रहेगा।